शनिवार, 1 जून 2024

Exit poll • Lok Sabha • Opinion poll • Indian National Congress •

मेरठ में मुख्य दलों के प्रत्येक प्रत्याशी 

 मेरठ में मुख्य दलों के प्रत्येक प्रत्याशी अपनी बहुमत जीत का दवा कलर रहे है और ये तीनो मुख्य प्रत्याशी लोक षभा चुनाव में जीत का दावा कर रहे है डॉ संजीव बालियान भाजपा के प्रतयषी समाजवादी पार्टी से हरेंद्र मालिक और बहुजन समाज वादी पार्टी से सिंह प्रजापति विभिन्नय आंकणो के साथ अपनी अपनी जीत का दावा क्र रहे है लगातार हर जीत की चर्चा शुरू हो रही है जैसे जैसे मतगणना तिथि नजदीक होती जा रही है 

डॉ संजीव बालियान जो की भाजपा प्रतयषी है लगातार अपनी तीसरी जीत के प्रति उत्साहित है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को तीसरी बार प्रधान मंत्री के रूप में जनता देखना चाहती है ऐसा डॉ संजीव बलियन का कहना है 

उत्तर प्रदेश में जो भी काम किया है योगी आदित्य नाथ जी ने वह सारा काम आम जनता के सामने है केंद्र सर्कार से होने वाले सभी कार्य को आज दस साल से लगातर कराया जा रहा है डॉ संजीव बालियान का कहना है की पूरी उम्मीद है की भारतीय जनता पार्टी के काम से ही आम जनता बहुत खुश है और ऐसी के आधार पर भारतीय जनता पार्टिय को आम जनता वोट देंगी भारतीय जनता पार्टी के सभी समज के वोट मिले है जिससे की भारतीय जनता पार्टी बहुत ही खुश है 

वोट मिलेगा मालिक को भाजपा के विरोध में

लोक सभा चुनाव में जीत पक्की है ऐसा समाजवादी पार्टी के हरेंद्र मालिक का कहना है भारतीय जनता पार्टी इस देश को लूट कर खा गया है इस देश में बेरोजगारी चार्म सीमा पर क्र दिया है और एक भी सरकारी नौकरी नहीं है किसानो और मजदूरों के साथ धोखा किया गया है जनता और स्थानीय संसद के  खिलाफ एक अलग ही माहौल है जिससे सीधा समाजवादी पार्टी को लाभ मिला है

In Meerut, every candidate of the main parties is claiming their majority win and all three main candidates are claiming victory in the Lok Sabha elections. Dr. Sanjeev Balyan, BJP candidate, Harendra Malik from Samajwadi Party and Singh Prajapati from Bahujan Samaj Party are claiming their victory with different figures. Discussion of every victory is starting continuously as the counting date is getting closer.


Dr. Sanjeev Balyan, who is a BJP candidate, is excited about his third consecutive victory. The public wants to see Prime Minister Narendra Modi as the Prime Minister for the third time, says Dr. Sanjeev Balyan.


Whatever work Yogi Adityanath has done in Uttar Pradesh, all that work is in front of the common people. All the work being done by the central government is being done continuously for the last ten years. Dr. Sanjeev Balyan says that there is full hope that the common people are very happy with the work of the Bharatiya Janata Party and on this basis the common people will vote for the Bharatiya Janata Party. The Bharatiya Janata Party has received votes from all communities, due to which the Bharatiya Janata Party is very happy.


Votes will be received Malik against BJP

Victory in Lok Sabha elections is certain, says Harendra Malik of Samajwadi Party. Bhartiya Janata Party has looted this country. Unemployment in this country has reached its peak and there is not a single government job. Farmers and labourers have been cheated. There is a different atmosphere against the public and local parliament, which has directly benefited Samajwadi Party.

शुक्रवार, 31 मई 2024

 वन अपरूपण  कारन और परिणाम 

वन अपरूपण का आशय अस्थानीय रूप से सफाया करना अथवा उन्हें नष्ट करने से है ये आकलन किया गया है की वर्तमान में स्थानीय पृथ्वी की भू सतह का लगभग २१%भाग बनता है वल्र्ड रिसोर्स इंस्टुटें विश्व संश्था संधान के अनुसार वन अपरूपण को भूमि उपयोग समस्या की सबसे गंभीर समस्याओ में से एक माना  जाता है दूसरा प्रमुख सरोकार वन अपरोपण होने के दर का है वर्तमान में 1.२  करों हेक्टेरे वन छेत्र का वार्षिक रूप से सफाया किया जाता है इस वन अपरूपण का का लगभग अधिकांश भाग अध्र्य वनो और खुले उष्ण कटिबंधी जंगलो में  यह पूर्व अनुमान क़ियागया है की यदि ऐसी वन से अपरूपण होता है तो वर्ष २०५० तक तक अमेजन और जायरे बेसिन और कुछ संरक्षित वनो और अभ्यारणों पार्क के संरक्षित छेत्रो के अतिरिक्त सभी आद्र्र उष्णकटिबंधी वन लुप्त हो जाते है भारत में वन चन्दन कुल भौगोलिक छेत्रफल का २४. ३९ % है 

वन अपरूपां के कारण 

जनसंख्या विस्फोट 

निरंतर बढ़ती मनाव जन्शंख्या वन अपरूपण का एक प्रमुख कारन है यह पर्यावरण के लिए प्रमुख खतरा है वन छेत्र के बड़े भागो को खेती खननन कार्य नई बस्तिति बसने और विधमान बस्तियों के विस्तार तथा बुनियादी विकाश जैसे सड़क और रेल पथ बनाने के लिए कटा जाता है जनसँख्या में वृद्धि वन उत्पादों जैसी इमरती और जल वन की लकड़ी कागज और अन्य महत्वपूर्ण वन उत्पादों की मांग को बढ़ावा देती है जिसमे वन की कटाई आवश्यक हो जाती है 


Forest Degradation Causes and Effects

Forest degradation means the local clearing or destruction of trees. It has been estimated that at present, trees cover about 21% of the earth's land surface. According to the World Resource Institute (WRI), forest degradation is considered one of the most serious land use problems. Another major concern is the rate of deforestation. At present, 1.2 billion hectares of forest area is being cleared every year. Most of this deforestation is in the rainforests and open tropical forests. It has been predicted that if such deforestation continues, then by the year 2050, all the moist tropical forests will disappear, except the Amazon and Zaire basins and some protected forests and reserves, parks and protected areas. In India, sandalwood forests cover 24% of the total geographical area. 39%


Causes of forest degradation

Population explosion

Continuously increasing human population is a major cause of forest degradation. It is a major threat to the environment. Large parts of forest area are cut for agriculture, mining, setting up new settlements, expanding existing settlements and for infrastructure development like building roads and railways. Increase in population increases the demand for forest products like tamarisk and water forest wood, paper and other important forest products, which necessitates deforestation.


गुरुवार, 30 मई 2024

वायु प्रदूषण तथा वायु माण्डिल्य समस्या Air Pollution and Air Condition Problems


वायु प्रदूषण तथा वायु माण्डिल्य समस्या 

वायु प्रदूषण से जहा एक ओर सज सामान पौधे तथा प्राणियों के समुदाय को छाती पहुँचती है एवं मनुष्य में स्वष्थ सम्बन्थित समस्या खड़ी  होती है व्ही दूसरी और वायु मंडलीय प्रक्रिया में भी परिवर्तन आते है अम्ल वर्षा धूम कोहरा वैश्विक उसमाँ ओजोन रिक्तीकरण आदि कुछ ऐसे ही प्रभाव है जो हमारे वायुमंडल में प्रदुषण के कारन हो रहे है अये वायुमंडल में वायु प्रदूषण के कारन होने वाले कुछ समाया पर एक नजर डाले 

निलंबित करणीय पदार्थ 

आस पास की हवा में पाए जाने वाले करणीय पदार्थ विभिन्नय आकर में कणो का जिनमे अनेक रसायनिक घटक भी हो सकते है एक मिश्रित होता है एवं इसका मिश्रण अदालत बदलता रहता है इनमे से भट्टर कारण हमरी नक् के भीतर के बाल में तथा स्वाश के नालियों में अटक जाते है १० मम से भी छोटे आकर के कर्ण जिन्हे हम प.म १० कहते है स्वशाननील निलंबित करणीय पदार्थ कहलाते है सबसे कहते कारण २.५ मम से भी आकर में काम होते है जिन्हे पम २.५ कहते है ये स्वाश द्वारा फेफड़े में गहराई तक चले जाते है और बहुत सी परेशानिया पैदा करती है केन्दीय प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हल के वर्षो में कुछ भारतीय शहरो की परिवेशीय गुणवत्ता के अध्यन से पता चलता है की कई भारतीय शहरो जैसे रायपुर कानपूर दिल्ही गवळीवर तथा लुधियाना में र.स.प.म २०० माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक है 

अम्ल वर्षण 

अम्ल वर्षा तथा अम्ल वर्षण में विभिन्नय प्रकार के आदर्श  निपक्ष निम्मनलिखित है जैसे की वर्षा हिमपात कोहरा अथवा ओस तथा वायु से गिरने वाले शुष्क अम्लीय करणीय अम्ल वर्षं ऐसे छेत्री में अथवा उनके आस पास होता है जहा मानव जनित क्रियाकलाप के परिदम्स्वरूप सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन के आक्साइड के मुख्य निरसरण है कोयले से चलने वाले बिजली घर में से निकलने वाला हाइड्रोक्लोरिक  अम्ल भी  वर्षा की समायो  देते है 


 Air Pollution and Air Condition Problems


On one hand, air pollution harms the plant and animal community and creates health related problems in humans, on the other hand, changes also come in the atmospheric processes. Acid rain, smog, global warming, ozone depletion etc. are some of the effects that are happening due to pollution in our atmosphere. Let us have a look at some of the problems caused by air pollution in the atmosphere.



Suspended Particulate Matter

The particulate matter found in the surrounding air is a mixture of particles of different sizes which may also contain many chemical components and their mixture keeps on changing. Most of these particles get stuck in the hair inside our nose and in the respiratory tract. The particles of size smaller than 10 mm, which we call PM10, are called suspended particulate matter. The smallest particles of size less than 2.5 mm, which are called PM2.5, are exhaled through breathing. These go deep into the lungs and cause many problems. The study of ambient quality of some Indian cities done by the Central Pollution Control Board in recent years shows that many Indian cities like Raipur, Kanpur, Delhi, Gwalior and Ludhiana have PMO more than 200 micrograms per cubic meter.


Acid Rain


The different types of acid rain and acid precipitation are as follows: Rain, snow, fog or dew and dry acid rain falling from the air. Acid rain occurs in or near areas where there is significant emission of sulphur dioxide and oxides of nitrogen as a result of anthropogenic activities. Hydrochloric acid released from coal-fired power plants also contributes to rain.

बुधवार, 29 मई 2024

वन एक संसाधन के रूप में Forest as a Resource



वन एक  संसाधन के रूप में  


  वन एक  संसाधन के रूप में   

वन हमारी सम्पदा है जो हमें विविध प्रकार के उत्पादन जैसे इमारती लकड़ी जलावन की लकड़ी चारा फाइबर रेष जड़ीबूटियां सौन्दर्य प्रसंसन और अनेक प्रकार की सामग्री कच्चा मॉल प्रदान करता हैं जिसका उपयोग उद्योग में होता है अनेक विविध प्रकार के ाशधन धरी जिव और पक्षी जो वनो में रहते है उपयोगी सजीव संसाधन का काम करते है वन मृदा निर्माण जल संरक्षण और आक्सीजन के पुर्नउत्पादन में प्रमुख भूमिका निभाते है वृक्ष अपनी जिव मात्रा में (सीओ२ का योगीकरण करते है और वाष्पोत्सर्जन के द्वारा वे जल वायु को माध्यम स्टार पर बनाय रखते है क्या आप कल्पना क्र सकते है की अगर दुनिया में वन नहीं रहेंगे तो क्या होगा ये अनेक कार्य करते है जिन्हे प्रतक्ष्य रूप से देखा जा सकता है लेकिन कुछ कार्य ऐसे है जिन्हे प्रतक्ष्य रूप से नहीं देखा जा सकता है जैसे की वायु का शुद्धिकारन कार्बन सिंक व्यापक रूप से वनो द्वारा किय जाने वाले सभी कार्यो को तीन शीर्षकों में वर्गीकृत किया जा सकता है आर्थिक ,पारिस्थितिकीय और सामाजिक।

आर्थिक महत्व

वन पृथ्वी ग्रह पर उपलब्ध सबसे बड़ा नवीकरणीय संसाधन हैं। वे भोजन, पशु चारा और ईंधन सहित कई तरह की वस्तुएँ और सेवाएँ प्रदान करते हैं। लकड़ी का उपयोग घर, फर्नीचर, माचिस, हल, पुल और नाव बनाने के लिए किया जाता है। टैनिन, गोंद, मसाले, मोम, शहद, कस्तूरी और पशु चारा जैसे वन उत्पाद वनों के सभी जानवरों और पौधों की प्रजातियों द्वारा प्रदान किए जाते हैं। पेड़ों के फल, पत्ते, जड़ें और कंद वन में रहने वाली जनजातियों के लिए भोजन हैं। लकड़ी और बांस के गूदे का उपयोग कागज और रेयान बनाने के लिए किया जाता है।


Forest as a Resource Forests are our wealth which provide us with a wide variety of products such as timber, firewood, fodder, fibre, fibre, herbs, beauty products and a variety of raw materials which are used in industry. A wide variety of terrestrial animals and birds which live in forests serve as useful living resources. Forests play a major role in soil formation, water conservation and reproduction of oxygen. Trees fix CO2 in their living quantities and through transpiration they maintain the atmosphere and water at the medium level. Can you imagine what will happen if there are no forests in the world? They perform many functions which can be seen directly but there are some functions which cannot be seen directly such as purification of air, carbon sink. Broadly, all the functions performed by forests can be classified under three headings, economic, ecological and social.

Economic importance 

Economic importance   is the largest renewable resources available on the planet Earth. They provide many types of items and services including food, animal feed and fuel. Wood is used to make homes, furniture, matches, plows, bridges and boats. Forest products such as tannins, glue, spices, wax, honey, musk and animal fodder are provided by all animals and plant species of forests. The fruits, leaves, roots and tubers of trees are food for tribes living in the forest. Wood and bamboo pulp is used to make paper and rayon.




सोमवार, 27 मई 2024

COMPUTER AND MULTIMEDI

 

 Multimedia

Multimedia is everything you see and hear in the form of content,

images, views, audio and many other means that are present in the current preview.

It is usually opened, displayed or accessed by computerized and electronic devices

by receiving the information content through these devices. We can

use multimedia in business, school, home, public place and illusionary reality.

Multimedia includes animation, music, video and much more. Multimedia

presentation is a presentation itself which includes digital presentation of slides,

videos. And it also includes sound which can be a narration, music or sound

effects. Multimedia takes advantage of the brain's ability to verbally and

audiovisuals describe and refer to content, leading to greater and deeper understanding,

and supporting the transfer of local knowledge in a changing

environment. In the present times when technology is changing the world

and bringing changes in the paradigm, the most used multimedia

device on earth is the smartphone. Through this we use video, animation, text and

audio. There are different acceptance and ideas regarding multimedia

and cellphones at different levels of the society. There will also be some

different exclusive TVs, computers and game consoles. Additionally, a

combination of iPods and personal digital assistants (PDAs) can also be

connected.


This will depend on how serious your need for different types of

multimedia is. In this context we will discuss the various uses, applications and

uses of multimedia in everyday life which includes entertainment,

education, teaching, learning and much more.

गुरुवार, 16 मई 2024

ENVIRONMENT

 ENVIRONMENT 

‘’ The Earth does not belong to us: we belong to the Earth.’’ These words, spoken by Chief Seattle

Take on a haunting significance when we reflect on the 

intimidating contrasts between the environment before and after the industrial 

revolution. Speaking of these changes, let’s think about what really Earth means

for us. Consider the severe impact of our actions have on the planet and what we 

can do to prevent from these transformations.

‘’As we embark on this journey of reflection, Chief Seattle’s affecting words serve 

as a pathetic reminder of our togetherness with the Earth and responsibility we 

bear for its well-being. This unfolding narrative takes us to a time when nature’s 

delicate balance got messed up, and it changed the places we knew a lot.

SOME ENVIRONMENTAL PROBLEMS WITH SOLUTIONS

Here are some environmental issues in no particular order. Climate change is a hot 

topic right now as it is first on the list simply because so many of the problems of 

climate change are related to other environmental issues that affects the Earth. 

Environment problems like deforestation, pollution and poverty need to be solved 

in. However, solving these problems indirectly help solving climate change.

CLIMATE CHANGE

‘’Climate change is a long-term change in the average whether patterns that 

have come to define Earth’s local, regional and global climates’’

-NASA

Fossil fuels like coal, oil and gas are by far the largest contributor to global climate 

change, accounting for over 75 per cent of global greenhouse gas emissions and 

nearly 90 per cent of all carbon dioxide emissions. 

As greenhouse gas emissions blanket the Earth, they trap the sun’s heat. This leads to 

global warming and climate change. The rate of global warming is currently surpassing







सोमवार, 23 अक्टूबर 2023

समुद्री प्रदूषण उष्मीय प्रदुषण मृदा प्रदुषण

समुद्री प्रदूषण 

प्रदूषण का अंतिम गर्त समुद्र है समुद्र में ये प्रदूषक या तो सीधे  अपशिष्ट के रूप में डाल दिए जाते है या जल धाराओं नदियों नहरों के द्वारा पहुंचते है और समुद्री जल का अधिकांश प्रदूषण समुद्र तट  है.

 जहा बड़े शहर बन्दर गाहा तथा औधोगिक केंद्र स्थापित है जैसे महा सगरो समुद्र ज्वरदानो लवणों दलदलों तथा अनन्य सामान जल निकायों का प्रदुषण समुद्री अथवा महासागरी प्रदुषण कहलाता है .

भारत  की कुल जनसँख्या का २५ प्रतिशत  भाग समुद्र तट रेखा पर रहता है   और वह समुदी संसाधन पर ही निर्भर करता है वह पर पाय जाने वाले प्रदूषक बहुत प्रकार के होते है जैसे जल मॉल शहरी अपशिष्ट ओधोगिक और लघु उधोग प्रकिरियो के दौरान अपशिष्ट ऊष्मा तेल छितराओ एवं समुद्री पोटो से निकले बहिस्राव जलपोत उधोग से निकले तेल और ग्रीश से वहार वर्ष लगभग २१० मिलियन गैलन पेट्रोलियम पहुँचता है. जिसका कारण होता है.

 तेल और प्राकृतिक ऋषव के द्वारा भी हर वर्ष लगभग १८० मिलियन गैलन तेल समुद्र में पहुँचता रहता है  छित्रो से जो निम्तर क्वथनांक वाले रोमेटिक हाइड्रोकार्बन होते है उन्ही के कारन सबसे पहले बहुत सरे जलीय जीव और विशेष कर उनके लार्वा स्वरूप तुरंत मर जाते है छितरे तेल समुद्री पक्षियों और खास तौर पर डुबकी लगाने वाले पक्षियों के पैरो पर तथा कुछ समुद्री स्तनधारियों जैसे की सील आदि पर चिपक कर उन पर परत जमा लेते है तेल अवतरण से प्राणियों की प्राकृतिक तापरोधिता एवं उत्प्लावकता नष्ट हो जाती है और उनमे से अधिक या दुब जाते है या देह ऊष्मा की हानि से ठण्ड के कारन मर जाते है 




उष्मीय प्रदुषण 

उष्मी प्रदुषण तब होता है जब किसी जल निकाय का अथवा वायु मंडल की वायु का तापमान बाद जाता है या घाट जाता है इस कारण उस छेत्री का तापमान सामान्य स्तरों से हट जाता है यदि उष्णकटिधि महासागरों का  तापमान मात्र एक डिग्री ही नीचे आ जय तो ऐसा परिवर्तित पर्यावरण कुछ प्रवालो  एवं प्रवाल भीतियो के लिए घातक हो सकता है जल  के बढ़ने से  भी संवेदनशील जीवो पर भी ऐसी प्रकार के प्रभाव   हो सकते है ताप प्रदुषण तब होता  है जब  अपशिष्ट  ऊष्मा को जल निकाय के भीतर छोड़  दिया जाता है तप प्रदुषण के मानवीय कारणों  में दो मुख्य बाते है 

१ वनष्पति आवरण का घट जाना  और दूसरे  वाष्प जेनेरेटरों  से गर्म  जल को बहार छोड़ता है घातु प्रगालक ,संसाधन मिले ,पेट्रोलियम शिव कारखग्ने ,पेपर मिले ,खाद्य संसाधन पैक्ट्रिया तथा रसायन निर्माण  सयंत्र आदि 

२ चिरकालिप तप प्रदूषण की समस्या का समाधान इस बात में  है की बिजली घरो में तथा अनन्य औधोगिक इकाइयों से निकलने वाले गर्म जल  तथा बहिरीशव को किसी एक धारक इकाई   में छोड़ा जय जहा ये डंडा हो सके डंठा होने के  इन्हे  जल निकायों में ही छोड़ा जाता है 



मृदा प्रदुषण 

सभी समस्त थल जीव जिसमे हम भी शामिल है भूमि की साथी परत अर्थत मृदा के साथ परस्पर क्रिया करते है क्योकि यही हमें जीवन की आधार भुत अवश्क्ताय है जैसे की भोजन आश्रम तथा वस्र अदि प्रदान करती है मृदा जो हमारा एक जीव नाशक करक है समस्त भूमि पर मात्र ६ इंच गहरी है हमारी भूमि सतह का अपकर्ष यु तो कुछ हद तक प्राकृतिक कारणों से भी  होता मगर हम मनुष्य ऐसे तीन प्रकार से ख़राब  करते है इसका  उपयोग करके (कृषि तथा विकास क्रियाकलाप ) इसमें से चीजे बहार निकल कर (खनन तथा वनोन्मूलन )तथा इसके भीतर पदर्थ को डाल दिया जाता है 

जैव विविधता की हानि 

सतत बढ़ती जाती जनसँख्या के लिए कृषीय तथा विकास आवश्कताओ और उन्ही के साथ उसकी अभिलाषाओं तथा लिप्साओं  पूर्ति  भूमि प्रदान करने हेतु कितने ही बड़े बड़े क्षेत्रों से वन काट दिए जाते है जिससे प्राकृतिक वनष्पति एवं प्रणिता नष्ट होती जा रही है इंटरनेशनल यूनियन फॉर कांजवेर्शन ऑफ़ नेचर  के अनुसार अनुमान लगाया गया है की सन २०५० तक लगभग ५०,००० पादप स्पीशीज विलुप्त हो जायगी या संकटपन स्तर तक पहुंच जायगी


 मृदा अपरदन 

यह वह प्रिक्रिया है जिसमें मृदा घटको का और विशेषकर ऊपरी मृदा के कणो का ढीला होना अलग अलग हो जाना तथा वहाँ से हटा लिया जाना शामिल है मृदा अपरदन  दो साधनो तेज हवाओ तथा  बहते  पानी से होता है मगर ये दोनों करक तभी  कार्य शील हो जाते जाते है जब भूमि सतह से आवरण समाप्त हो चूका होता है 


रविवार, 15 अक्टूबर 2023

पर्यावरण प्रदुषण और संकट environmental pollution and crisis

  पर्यावरण प्रदुषण और संकट 

प्रस्तावना 

 जिस पर्यावरण में हम रह रहे है उसका ख़राब होना और अपने अपने पर्यावरण की संकल्पना तथा पृथ्वी के उन संसाधनों के विषय में जो सतत वृद्धशील   आधारभूत ठाढ़ा विकाश की अवश्क्ताओ की पुर्तीय के लिए पर्यावरण में उपलब्ध है. संसाधनों के ऐसी गहन ऊर्जा लगत वाली प्रौधोगियो के जिनसे बहुत मात्रा में अपशिष्ट निकलते है अविवेक शील उपयोग से पर्यावरण का निम्नीकरण  हुआ है.  जिससे इनकी गुणवक्ता में गिरावट आई है ें सबका हानिकारक प्रभाव मानव सहित सभी जीवन तंत्रो भावनाओ तथा अनन्य सामग्री पर पड़ता है। वायु जल मृदा के प्रदुषण उनके स्रोत तथा उनके प्रभाव के साथ गैसीय तथा अनन्य रसायनो के आलावा शोर विकरणों तथा ताप  प्रदूषण का भी जीवधरियो पर बुरा प्रभाव पड़ता है मानव तथा अनन्य जीव धारीयो की उत्तरजीविता के लिए समस्या भी पैदा होती है .



संभावित परिणाम 

  1.  प्रदुषण तथा प्रदूषकों की परिभाष 
  2.  प्रदूषकों तथा प्रमुख प्रारूपों की पहचान 
  3.  जीवधारियों के स्वस्थ जीवन के लिए एक तापमान 
  4.  प्रमुख प्रदूषकों का बौद्ध एवं पारितंत्र के भीतर उनके पथमार्ग 
  5.  शहरी क्षेत्रों में उच्च शोर ास्तर के कारन 

प्रदुषण किसे कहते है 


प्रदुषण की परिभाषा  है पर्यावरण घटक   वायु जल और मृदा की भौतिक रशयनीक अथवा  विशिष्ट में ले जाने वाला कोई भी अवन्छिनीय परिवर्तन जिससे जीवन स्वरूपों तथा तथा जीवन श्रेय तंत्रो पर बुरा प्रभाव पड़ता है जो प्रदुषण कहलाता है। 
आप यह भी कह सकते है मानव क्रिया कलापो द्वारा पैदा होने वाला कोई भी प्रतिकूल परिवर्तन प्रदुषण है पर्यावरण के घटक को जो भी संदूषित करता है वह साधन प्रदूषक कहलाता है 




प्रदूषकों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है 


१ अजैव निम्नीकरण प्रदूषक 
२ जैवनिँम्नीकरण प्रदूषक 


1 अजैव निम्नीकरण प्रदूषक 

 ये प्रदूषक बहुत लम्बे समय तक परिवतर्तित रूप में बने रहते है जैसे =पीड़कनाशी ,भरी धातुय रबड़ नाभिकीय अपशिस्ट आदि और प्लास्टिक भी ऐसी श्रेणी  है 


2 जैवनिम्नीकरण प्रदूषक 

कुछ ऐसे प्रकार के प्रदूषक जैसे के कागज उद्धान कचरा घरेलु जल मल कृषि आधारित अपशिष्ट तथा उर्वरक आदि जीवाणुओं की विधटन प्रक्रियाओं के द्वारा 
विघटित हो कर सरलतर अत्यंत उत्पादों में परिवर्तित हो जाते है। ये सरल पउत्पाद प्राकृतिक की कच्ची सामग्री होती है 






बुधवार, 11 अक्टूबर 2023

पर्यावरण पर निबंध -(200 – 400 शब्दों में ) – Paryavaran par Nibandh परिचय

 



पर्यावरण प्राकृतिक संसाधन

पर्यावरण में वह सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल जो एक जिव को जीवन जीने के लिए चाहिए होता हैं जो की निम्न प्रकार से हमारी मद्दद करता है  अथवा चारों ओर से हम सभी को  घेरे हुए हैं। यह हमें विकसित होने और स्वस्थ रहने के लिए  एक अच्छा और बेहतर माध्यम देता है, यह हमें वह सब कुछ प्रदान करता  जो एक व्यक्ति को जीने के लिए चाहिए  है जो इस धरती  पर जीवन यापन करने के लिए आवश्यक है।और  हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद करने  की अपेक्षा करता  है जिससे की हमारा  पालन पोषण चलता  रहे  और , हमारा जीवन लगातार  बना रहे और कभी भी नष्ट न हो सके । हम इस समय की मनुष्य द्वारा बनाई गई चीजों को अपना रहे है और प्राकृतिक वस्तुओ का त्याग कर रहे है 




विश्व पर्यावरण दिवस


पृथ्वी पर हमें जीने के लिए  पर्यावरण को लगातार बनाये रखना बहुत ही जरुरी है  और हमें पर्यावरण के वास्तविकता को ईमानदारी के साथ बनाये रखना यहाँ हमारा कर्तव्य है  पूरे ब्रम्हांड में बस पृथ्वी पर ही जीवन जीना संभव है।  प्रत्येक वर्ष को  05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाने लगा तथा साथ ही पर्यावरण स्वच्छता और सुरक्षा के लिए दुनिया भर में यह अभयान चलाया जाने लगा।  पर्यावरण दिवस समारोह बहुत ही आदर और सम्मान के साथ माया जाता है जिससे की आम लोगो में भी एक जागरूकता की मिशाल जले और वो भी देश के पर्यावरण को नबचाने में सहयोग करे। 




पर्यावरण सुरक्षा के उपाय


इस धरती पर जीने वाले सभी व्यक्तियों द्वारा  उठाए गए छोटे बड़े  कदमों  से हम इस धरती को  बहुत ही आसान तरीके से दूषित होने और अपना  पर्यावरण को सुरक्षित करने में सहायता कर सकते है  हमें जो भी कूड़ा कचरा होता है हमारे घर पर उसे काम करना चाहिए और जो भी  कचरा निकलता है हमरे घर में उसे हमें घर से काफी ंदुर मात्रा में फेकना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी से ग्रस्त न हो और हम बचे रहे अथवा उस कचरे को उसके स्थान पर फेके। और हमें  प्लास्टिक बैंगो  का उपयोग को अधिक से अधिक जरुरत पड़ने पर ही करना चाहिए



निष्कर्ष


इस धरती पर जीव जंतु पेड़ पौधे वनष्पतिया जल समुद्र वन जंगल इत्यादि यह सभी पर्यावरण  की देंन  है और इन सभी चीजों को बचाये  रखना मनुष्य का कर्तव्य है  




 

India vs Afghanistan Today Match India live.

 Today, on Wednesday, 11 October 2023, there will be a face to face match between India and Afghanistan at the Arun Jaitley Stadium in Delhi. In which both the teams will play for win or lose. These two teams will compete in the ICC Cricket World Cup 2023. This is the second ODI match. In which India is coming back after winning against Australia in Chennai and today Afghanistan is coming back after playing in Dharamsala after losing its first match against Bangladesh.


In the ICC Cricket World Cup 2023, India is at fourth position while Afghanistan is at ninth position. If we look at the previous figures, India is playing ODI matches against Afghanistan after 2019. In the last match, India had defeated them by 11 runs.


For India, captain Rohit Sharma, Ishan Kisha, Virat Kohli, KL Rahul, Kuldeep Yadav, Ravindra Jadeja and Jasprit Bumrah are the players to keep an eye on. And today's punt player could be Ishan Kishan. On the other hand, Afghanistan's Rahmanullah Gurbaz, Ibrahim Zadran and Rashid Khan are the players to keep an eye on in today's match.



India vs Afghanistan Today Match India Players List- Rohit Sharma (C), Ishan Kishan Virat Kohli, Shreyas Iyer, Suryakumar Yadav, KL Rahul (WK) Hardik Pandya (VC), Ravindra Jadeja, Ravichandran Ashwin, KL Rahul (WK) ,, Jasprit Bumrah, Kuldeep Yadav,, Mohammed Siraj.



Notably, the ICC Cricket World Cup 2023 matches are free for all users to watch in SD video quality on mobile phones and tablets on the Disney+Hotstar app. Additionally, subscribers to the mobile plan can watch World Cup 2023 matches in HD video quality on the Disney+ Hotstar app. However, the match can only be streamed on one screen at a time.

India vs Afghanistan Today Match

आज भारत और अफगानिस्तान के बीच आज दिनांक  ११ ऑक्टूबर २०२३ दिन बुधवार को दिल्ली के  अरुण जेटली स्टेडियम में  भारत और अफगानिस्तान का आमने सामने मैच का मुकाबला  होगा.जिसमे दोनों टीम हर या जीत के लिए खेलेंगे  आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 में इन दोनों टीमों का यह दूसरा वनडे मैच है। जिसमे भारत जहां चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया  से जीत कर आ रहा है और वही आज अफगानिस्तान धर्मशाला में खेल कर अपना पहला मैच बांग्लादेश से हार कर आज आ रहा है. 



आईसीसी क्रिकेट विश्व कप २०२३  में भारत चौथे नंबर पर है  और वही पर  अफगानिस्तान नौवें स्थान पर है। पिछले आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत 2019 के बाद अफगानिस्तान के खिलाफ वनडे मैच खेल रहा है. आखिरी मैच में भारत ने उसे 11 रनों से हराया था.


भारत के लिए कप्तान रोहित शर्मा,  ईशान किशा ,विराट कोहली, केएल राहुल, कुलदीप यादव, रवींद्र जड़ेजा और जसप्रित बुमरा ऐसे खिलाड़ी हैं जिन पर नजर रहेगी।  और आज का पंट खिलाडी ईशान किशन हो सकता है दूसरी ओर, अफगानिस्तान के रहमानुल्लाह गुरबाज़, इब्राहिम जादरान और राशिद खान ऐसे खिलाड़ी हैं जिन पर आज के मैच में नज़र रहेगी।

India vs Afghanistan Today Match India Players List- Rohit Sharma (C), ईशान  किशन  Virat Kohli, Shreyas Iyer, Suryakumar Yadav, केएल राहुल (व.क)Hardik Pandya (VC), Ravindra Jadeja, Ravichandran Ashwin, KL Rahul (WK),, Jasprit Bumrah, Kuldeep Yadav,, Mohammed Siraj.



विशेष रूप से, आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2023 के मैच सभी उपयोगकर्ताओं के लिए डिज्नी+हॉटस्टार ऐप पर मोबाइल फोन और टैबलेट पर एसडी वीडियो गुणवत्ता पर देखने के लिए निःशुल्क हैं। इसके अतिरिक्त, मोबाइल प्लान के ग्राहक विश्व कप 2023 के मैच डिज्नी+ हॉटस्टार ऐप पर एचडी वीडियो गुणवत्ता पर देख सकते हैं। हालाँकि, एक समय में केवल एक ही स्क्रीन पर मैच स्ट्रीम किया जा सकता है।


शनिवार, 7 अक्टूबर 2023

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 Meaning of environment

 The word environment is made up of Pari + Cover, Pari means around and Cover means surrounded. That is, the literal meaning of environment is surrounded from all sides. 

Like rivers, mountains, ponds, plains, trees, plants, animals, air, forests, soil etc. all are components of our environment. We all use these components extensively in our daily life, that is, we are dependent on these components only.



Environmental issues and concerns

We have discussed in detail the importance of natural resources, their use and the impact of developmental activity on the environment. 

More importantly, the need for proper management of natural resources and environmental protection has led to the need for environmental quality management and environment-friendly technology. 

Gave rise to the concept of usingDiscusses the threats to biodiversity and its conservation, environmental pollution and how it affects human health, where we focus our discussion on solid waste management. 

With a detailed exposure to various aspects of environment in the previous units, it is now appropriate to learn about various environmental issues which are of concern to people across national boundaries.



Environment and Natural

All natural environments such as land, air, water, plants, animals. Material garbage, sunlight, forest, greenery, farm, barn and all other natural objects are called natural environments. 

Due to the natural resources around us, our life is complete, or it can be said that our life is impossible without natural resources. 

The health of nature is the most important part of human life. A healthy environment contributes a lot in keeping the environment balanced. 

All the biotic and abiotic things on earth such as trees, shrubs, garden, river, lake, wind, sunlight rays, etc.are included. 

Healthy environment maintains the balance of nature and at the same time helps all living things on earth to grow, nurture and develop. But according to today's time, the industry



conclusion

In today's era, environmental pollution is increasing very fast because due to increasing population, humans are cutting down trees and forests and making big buildings and big buildings and big companies out of which black smoke, poisonous gas and dirty water are an important part in polluting the environment. 

Pollution and water pollution are constantly happening Due to which humans are facing the following types of diseases, due to continuous pollution of the environment, all small and big organisms along with humans are in danger.









Importance of environment for life

 No matter what kind of environment the organisms live in, everyone needs the necessary elements for their survival for their survival, including the air from which we breathe, the food and water that we consume and shelter, whether natural (houses built in caves and trees) or artificial habitats (houses), the environment is the only source that provides these life-supporting elements.





पर्यावरण एवं स्वच्छता ही पहचान है Environment and cleanliness are identity

 पर्यावरणी मुद्दे और चिंताएं 

हमने प्राकृतिक संसाधनों के महत्व में उनके उपयोग और पर्यावरण पर विकासात्मक गतिविधि के प्रभाव के बारे में विस्तृत से चर्चा करे इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है!

 प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण संरक्षण का उचित प्राबंध करने की आवश्यकता ने पर्यावरण गुणवत्ता प्रबंधन और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी के उपयोग कि अवधारणा को जन्म दिया है!  

जैव विविधता और उसके संरक्षण के खतरो पर चर्चा करता है  पर्यावरण के प्रदुषण और मानव स्वास्थ्य इससे कैसे प्राभावि हो रहा है जहाँ हम ठोस अपशिष्ट प्राबंध पर अपनी चर्चा केद्रिंत करते हैं। 



पिछली इकाईयो मे पर्यावरण के विभिन्न पहलुओ के लिए एक विस्तृत प्रदर्शन के साथ विभिन्न पर्यावरण के  मुद्दे के  बारे मे जानना अब उचित है जो राष्ट्रीय सीमाओ के पार लोगो के चिंता का विषय है। 

Environmental issues and concerns

We have discussed in detail the importance of natural resources, their use and the impact of developmental activity on the environment. 

More importantly, the need for proper management of natural resources and environmental protection has led to the need for environmental quality management and environment-friendly technology. 

Gave rise to the concept of usingDiscusses the threats to biodiversity and its conservation, environmental pollution and how it affects human health, where we focus our discussion on solid waste management. 

With a detailed exposure to various aspects of environment in the previous units, it is now appropriate to learn about various environmental issues which are of concern to people across national boundaries.




जैव विविधता खतरे  और संरक्षण 

जैव विविधता और इसके संरक्षण के खतरो पर चर्चा करते है !और जैव विविधता के नुकसान और दुनिया पर प्रमुख प्रभाव के विभिन्न कारणो को सूची बाध्द करते है !

जैव विविधता संरक्षण कि अवश्यकता और अवधारणा कि व्याख्या करना प्राजातियो कि यथा स्थाल संरक्षण और विभिन्न उपायो और यंत्रों कि आवश्यकता की गणना करता है !

प्राजातियो कि बह स्थाल और संरक्षण कि इस प्रक्रिया में शामिल होने वाले विभिन्न तंत्रो कि अवश्यकता की सराहना करते है ! और जैव विविधता संरक्षण में प्रकृति आरक्षित के महत्व की सराहना करते है। 

Biodiversity threats and conservation

Discuss the threats to biodiversity and its conservation and list the various causes of biodiversity loss and major impacts on the world. 

Explaining the need and concept of biodiversity conservation, calculating the need for in-situ conservation of species and various measures and instruments.

Appreciate the diversity of species and the need for various mechanisms involved in the conservation process. And appreciate the importance of nature reserves in biodiversity conservation.



पर्यावरण के प्रदुषण का वर्णन करते हुए और पर्यावरण प्रदूषण से मनव स्वस्थ कैसे प्राभावित हो रहा है !

यह प्रदुषण और प्रदुषको को प्राभावित करता है हमारे वायु, जल ,और मिट्टी ,को दुषित करने वाले प्रमुख प्रकार के प्रदूषको कि पहचान करता और उनकी सुची बनाता है !

एक तापमान सीमा के महत्वपूर्ण महत्व को समझाता है पारिस्थितिकी तंत्र मे प्रमुख प्रदुषको के मार्ग  को समझने और उनका पता लगाने कि कोशिश करना चाहिए।  

Environmental pollution and crisis 

Describing environmental pollution and how human health is being affected by environmental pollution.

 It identifies and lists the major types of pollutants that pollute our air, water, and soil. 

Explains the critical importance of a temperature range in trying to understand and trace the pathways of major pollutants in an ecosystem.



अपशिष्ट प्राबंध 

ठोस अपशिष्ट प्राबंध पर चर्चा को केद्रिंत करती है खतरनाक अपशिष्ट प्राबंध के पूर्व आवश्यक खतरनाक कचरे के निपटने के लिए विभिन्न तरिको कि तुलना और विरोध करती है!

waste management

 Focuses the discussion on solid waste management. Compares and contrasts the various methods for dealing with hazardous waste required before hazardous waste management.


















 

शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023

पर्यावरण पर निबंध environmentessay



 प्रस्तावना 

पर्यावरण शब्द परि + आवरण से मिलकर बना है परि का अर्थ है चारों ओर और आवरण का अर्थ है घिरा हुआ। अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है चारों ओर से घिरा हुआ । जैसे नदी ,पहाड़, तालाब, मैदान, पेड़-पौधे, जीव-जंतु वायु वन मिट्टी आदि सभी हमारे पर्यावरण के घटक है। हम सभी इन घटको का दैनिक जीवन में भरपूर उपयोग करते है अर्थात हम इन घटको पर ही निर्भर है।

preface

The word environment is made up of the angel + cover. Pari means surrounded and cover means surrounded. That is, the literal meaning of environment is surrounded from all sides. Such as rivers, mountains, ponds, plains, trees, plants, animals, air, forest, soil, etc. are all components of our environment. We all use these components a lot in daily life, that is, we are dependent on these components.




पर्यावरण और प्राकृतिक 

सभी प्राकृतिक वातावरण जैसे की भूमि, वायु, जल, पौधे, पशु हो। सामग्री कचरा, धूप, जंगल, हरियाली, खेत, खलिहान और अन्य सभी प्राकृतिक वस्तु को प्राकृतिक वातावरण कहा जाता है। हमारे आस पास के प्राकृतिक संसाधन की वजह से हमारा जीवन सम्पूर्ण होता है या यह कह सकते है कि हमारा जीवन बिना प्राकृतिक संसाधनों के असंभव है। प्रकृति का स्वस्थ होना मानव के जीवन का सबसे अहम भाग है। स्वस्थ वातावरण पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में बहुत योगदान देता है।पृथ्वी पर सभी जैविक और अजैविक चीजों जैसे की पेड़, झाड़ियों, बगीचा, नदी, झील, हवा, धूप की किरण आदि शामिल है। स्वस्थ वातावरण प्रकृति के संतुलन को बनाए रखता है और साथ ही साथ पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों को बढ़ने, पोषित और विकसित करने में मदद करता है। लेकिन आज के समय के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र की उन्नति के परिणाम स्वरूप मानव निर्मित प्रदूषण को कई प्रकार से विकृत कर रहा है जो कि प्राकृतिक के संतुलन को बिगाड़ कर रख रही है। यदि कोई भी व्यक्ति प्रकृति के अनुशासन को खराब करते हैं तो ये पूरे वातावरण के माहौल को जैसे की वायु-मंडल, जलमंडल और स्थलमंडल को अस्तव्यस्त करती है। मानव निर्मित वातावरण इस पर्यावरण को काफी हद तक प्रभावित करता है जिसे हम सभी को पेड़ पौधे लगा कर बचना है और लोगों को वृक्ष लगाने के लिए उकसाना है।प्राकृतिक वातावरण को घटक संसाधन के रूप में उपयोग किया जाता है हालाँकि कुछ बुनियादी भौतिक जरूरतें और जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए इंसान द्वारा इसका शोषण किया जाता है। पर्यावरण में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण आदि को रोकने के लिए कठोर से कठोर नियम लागू करना चाहिए और सभी आम जनता को इधर उधर अपशिष्ट डालने में रोक लगानी चाहिए।

Environment and Natural

All natural environments such as land, air, water, plants, animals. Material garbage, sunlight, forest, greenery, farm, barn and all other natural objects are called natural environments. Due to the natural resources around us, our life is complete, or it can be said that our life is impossible without natural resources. The health of nature is the most important part of human life. A healthy environment contributes a lot in keeping the environment balanced. All the biotic and abiotic things on earth such as trees, shrubs, garden, river, lake, wind, sunlight rays, etc. are included. Healthy environment maintains the balance of nature and at the same time helps all living things on earth to grow, nurture and develop. But according to today's time, the industry




उपसंहार 

आज के युग मे पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढता जा रहा है क्यो कि बढती हुई जनसख्या  के कारण मानव पेड पौधे और वनो को काट कर  बडी बडी इमारते बना रहा  है और बडी बडी  इमारते बना रहा है  और  बडी बडी कम्पनियां  जिसमे से काला धुआ जहरीली गैस और गंदा पानी  यह पर्यावरण को प्रदूषित करने मे अहम हिस्सा हैं गाडी से निकलने वाला धुआ और गैस जो कि वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण और जल प्रदूषण लगातार हो रहा है जिसके कारण मनुष्य को निम्न प्रकार कि बिमारीयो का सामना करना पड रहा है पर्यावरण के लगातार प्रदुषण होने के कारण मनुष्य के साथ छोटे बडे जीव जतुं सभी संकठ मे है आने वले समय मे यदि मनुष्य पर्यावरण के लिए जागरुक नहीं हुआ तो इस धरती पर जीवन संभव नहीं है ।

conclusion

In today's era, environmental pollution is increasing very fast because due to increasing population, humans are cutting down trees and forests and making big buildings and big buildings and big companies out of which black smoke, poisonous gas and dirty water are an important part in polluting the environment. Pollution and water pollution are constantly happening Due to which humans are facing the following types of diseases, due to continuous pollution of the environment, all small and big organisms along with humans are in danger.




जीवन के लिए पर्यावरण का महत्व 

जीव चाहे किसी भी प्राकार के पर्यावरण मे रहते हो सभी को अपनी उत्तरजीवीका के लिए जीवन र्निवह के लिए आवश्यक तत्वों कि अवश्यकता होती है इनमे वायु जिससे हम सास लेते है भोजन और जल जिन्हे हम ग्राहण करते हैं और आश्रय चाहे प्राकृतिक  (गुफाए और वृक्षो मे बने घर)  अथवा कृत्रिम आवास  जैसे (माकान)  सम्मिलित है पर्यावरण एक मात्र ऐसा स्रोत है जो इन जीवन समथरन करने वाले तत्वों को प्रादान करता है ।


Importance of environment for life

 No matter what kind of environment the organisms live in, everyone needs the necessary elements for their survival for their survival, including the air from which we breathe, the food and water that we consume and shelter, whether natural (houses built in caves and trees) or artificial habitats (houses), the environment is the only source that provides these life-supporting elements.











रविवार, 24 सितंबर 2023

पर्यावरण पर्यावरण का अर्थ प्राकृतिक वातावरण

 पर्यावरण का अर्थ

 पर्यावरण शब्द परि + आवरण से मिलकर बना है परि का अर्थ है चारों ओर और आवरण का अर्थ है घिरा हुआ। अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है चारों ओर से घिरा हुआ । जैसे नदी ,पहाड़, तालाब, मैदान, पेड़-पौधे, जीव-जंतु वायु वन मिट्टी आदि सभी हमारे पर्यावरण के घटक है। हम सभी इन घटको का दैनिक जीवन में भरपूर उपयोग करते है अर्थात हम इन घटको पर ही निर्भर है।




प्राकृतिक वातावरण

सभी प्राकृतिक वातावरण जैसे की भूमि, वायु, जल, पौधे, पशु हो। सामग्री कचरा, धूप, जंगल, हरियाली, खेत, खलिहान और अन्य सभी प्राकृतिक वस्तु को प्राकृतिक वातावरण कहा जाता है। हमारे आस पास के प्राकृतिक संसाधन की वजह से हमारा जीवन सम्पूर्ण होता है या यह कह सकते है कि हमारा जीवन बिना प्राकृतिक संसाधनों के असंभव है। प्रकृति का स्वस्थ होना मानव के जीवन का सबसे अहम भाग है। स्वस्थ वातावरण पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में बहुत योगदान देता है।पृथ्वी पर सभी जैविक और अजैविक चीजों जैसे की पेड़, झाड़ियों, बगीचा, नदी, झील, हवा, धूप की किरण आदि शामिल है। स्वस्थ वातावरण प्रकृति के संतुलन को बनाए रखता है और साथ ही साथ पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों को बढ़ने, पोषित और विकसित करने में मदद करता है। लेकिन आज के समय के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र की उन्नति के परिणाम स्वरूप मानव निर्मित प्रदूषण को कई प्रकार से विकृत कर रहा है जो कि प्राकृतिक के संतुलन को बिगाड़ कर रख रही है। यदि कोई भी व्यक्ति प्रकृति के अनुशासन को खराब करते हैं तो ये पूरे वातावरण के माहौल को जैसे की वायु-मंडल, जलमंडल और स्थलमंडल को अस्तव्यस्त करती है। मानव निर्मित वातावरण इस पर्यावरण को काफी हद तक प्रभावित करता है जिसे हम सभी को पेड़ पौधे लगा कर बचना है और लोगों को वृक्ष लगाने के लिए उकसाना है।प्राकृतिक वातावरण को घटक संसाधन के रूप में उपयोग किया जाता है हालाँकि कुछ बुनियादी भौतिक जरूरतें और जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए इंसान द्वारा इसका शोषण किया जाता है। पर्यावरण में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण आदि को रोकने के लिए कठोर से कठोर नियम लागू करना चाहिए और सभी आम जनता को इधर उधर अपशिष्ट डालने में रोक लगानी चाहिए।


पर्यावरण की परिभाषा

पर्यावरण की परिभाषा इस प्रकार है - जे.एस. रॉस के अनुसार=  पर्यावरण या वातावरण वह वाह्य शक्ति है जोअस्तन धारी जिवो प्रभावित करती हैं।

 डगलस एंव हालैण्ड के अनुसार =  पर्यावरण वह शब्द है जो समस्त वाह्य शक्तियों ,प्रभावों और परिथतियों का सामूहिक रूप से वर्णन करता है जो जीवधारी के जीवन ,स्वभाव ,व्यवहार तथा अभिवृद्धि , विकास तथा प्रौढता पर प्रभाव डालता है ।

 हर्स, कोकवट्स के अनुसार पर्यावरण इन सभी बाहरी दशाओं और प्रभावों का योग है तो प्राणी के जीवन तथा विकास पर प्रभाव डालता है।


 डॉ डेविज के अनुसार मनुष्य के सम्बन्ध में पर्यावरण से अभिप्राय भूतल पर मानव के चारों ओर फैले उन सभी भौतिक स्वरूपों से है। जिसके वह निरन्तर प्रभावित होते रहते हैं।” “ पर्यावरण प्रभावों का ऐसा योग है जो किसी जीव के विकास एंव प्रकृति को परिस्थितियों के सम्पूर्ण तथ्य आपसी सामंजस्य से वातावरण बनाते हैं।


 ए.बी.सक्सेना के अनुसारपर्यावरण शिक्षा वह प्रक्रिया है जो पर्यावरण के बार में हमें संचेतना, ज्ञान और समझ देती है । इसके बारे में अनुकूल दृष्टिकोण का विकास करती है और इसके संरक्षण तथा सुधार की दिशा में हमे प्रतिबद्ध करती हैं।


उपर्युक्त परिभाषाओं के अध्ययन से स्पष्ट हो जाता है कि जो कुछ भी हमारे चारों ओर विद्यमान है तथा यह हमारी रहन-सहन दषाओं तथा मानसिक क्षमताओं को प्रभावित करता है, पर्यावरण कहलाता है। पर्यावरण में वे सभी परिस्थितियाँ भी आती हैं, जो हमारे जीवन पर प्रभाव डालती हैं। हमारा घर, मौहल्ला, गाँव, शहर सभी हमारे पर्यावरण के अंग हैं क्योंकि वे सभी हमारे जीवन पर प्रभाव डालते हैं। ‘पर्यावरण’ मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में समाविष्ट हैं।

पर्यावरण एक व्यापक शब्द है। यह उन संपूर्ण शक्तियों, परिस्थितियों एवं वस्तुओं का योग है जो मानव को परावृत करती है तथा उसके क्रियाकलापों को अनुषासित करती है।

पर्यावरण के प्रकार

वर्तमान समय में मनुष्य प्रदूषण के प्रकार स्वयं प्रदूषण का स्त्रोत है, क्योंकि प्रकृति में कोई भी ऐसी विधि नहीं पाई जाती है जो कि मनुष्य के द्वारा निर्मित पदार्थों को अपघटित कर सके, और उन तत्वों को प्रकृति के चक्र में कर देवें। यह पदार्थ इसी रूप में पाये जाते हैं और जो भी वह क्षति पहुँचाना चाहते हैं, वह क्षति पहुँचा देते हैं या हानि उत्पन्न कर देते हैं, जब तक कि वह विस्तारित या तनुकृत न हो जावे अतः प्रदूषण निम्न प्रकार के होते हैं - 

वायु प्रदूषण, 

जल प्रदूषण 

मिट्टी/मृदा प्रदूषण 

समुद्री प्रदूषण 

ध्वनि प्रदूषण 

तापीय प्रदूषण 

आणविकीय संकट

जैव प्रदूषण 

ठोस अपषिष्ट प्रदूषण।

पर्यावरण के विभिन्न अंग

1. स्थल मण्डल (lithosphere)- जल -तल से ऊँचा उठा हुआ भाग स्थल मण्डल है और इसके अन्तर्गत धरातल का लगभग 29 से 30 प्रतिशत भाग आता है । इस स्थल में तीन परतें है । पहली परत भू-पृष्ठ की है और धरती से इस परत की लगभग गहराई 100 कि.मी. है। इस परत में विभिन्न प्रकार की मिट्टियॉ  समाई हुई है। तथा इस भाग का औसत धनत्व लगभग 2.7 है । दूसरी परत को उपाचयमण्डल कहते है, जिसकी गहराई स्थल मण्डल के नीचे 200 कि.मी. तक होगी है तथा जिसमें सिलिकन और मैगनीशियम की प्रधानता है और इसका औसत धनत्व 3.5 ऑका गया है।  तीसरी परत को परिणाम मण्डल कहते है, जो पृथ्वी का केन्द्रीय मण्डल है और कठोर धातुओं से बना हुआ है, जिसमें निकल व लोहे की प्रधानता है । 

2. जल मण्डल (hydrosphere)- पृथ्वी का समस्त जलीय भाग जलमण्डल कहलाता है , जिसमें सभी सागर व महासागर सम्मिलित है । भूपटल के 71% भाग पर जल एंव 29% भाग पर थल का विस्तार है। पृथ्वी की समह पर क्षेत्रफल लगभग 51 करोंड वर्ग किलोमीटर है। जिसमें 36 करोंड वर्ग कि.मी. पर जल का विस्तार है। 


3. वायु मण्डल (Atmosphere)- पृथ्वी के चारों ओर वायु का आंवरण है, जिसे वायुमण्डल कहा जाता है। पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण वायु का यह धेरा पृथ्वी को जकड़े हुए है, और धरातल से इसकी ऊंचाई साधारणतः 800 किलोमीटर मानी जाती है, परन्तु खोज के पश्चात यह ऊंचाई 1300 किलोमीटर ऑकी गयी है। वायु मण्डल में भी अनेक परत होती है।

पर्यावरण के तत्व

पर्यावरण के तत्वों को दो समूहों में विभक्त किया जाता है। (अ) अजैव तत्व (Abiotic Elements) तथा (ब) जैव तत्व (Biotic Elements)। अजैव तत्वों में जलवायु, स्थल, जल, मृदा, खनिज एवं चट्टान तथा भौगोलिक स्थिति प्रमुख है। जैव तत्वों में पौधे और जीव-जन्तु प्रमुख है।

1. अजैव तत्व समूह 

जलवायविक कारक (Climatic Factors)- सूर्य, प्रकाश एवं ऊर्जा, तापमान, हवा, वर्षा, आर्द्रता, वायुमण्डलीय गैस आदि।

स्थलजात कारक (Topographic Factors)- उच्चावच, ढाल, पर्वत, दिषा आदि।

जल स्रोत (Water Bodies)- सागर, झील, नदी, भूमिगत जल आदि।

मृदा (Soils)- मृदा रूप, मृदा-जल, मृदा-वायु आदि।

खनिज एवं चट्टानें (Rocks and Minerals)- धात्विक एवं अधात्विक खनिज, ऊर्जा खनिज एवं चट्टानें।

भौगोलिक स्थिति (Geographical Locations)- तटीय, मध्यदेषीय, पर्वतीय आदि।

2. जैव-तत्व समूह

इसमें वनस्पति, जीव-जन्तु, मानव एवं सूक्ष्म जीव आते है। पर्यावरण के जैव एवं अजैव तत्व समूह अपनी विशेषता के अनुसार पर्यावरण का निर्माण करते हैं। चूंकि ये आपस में गुंथे हुए हैं अत: इनमें होने वाले परितर्वनों का व्यापक प्रभाव पड़ता है। 


सोमवार, 13 फ़रवरी 2023

पर्यावरण ऐसी नागर फरीदाबाद हरियाणा





 ऐसी नागर 

ऐसी नागर यह समुदाय भारत के हरियाणा राज्य के फरीदाबाद शहर में एक गंदे नाले के किनारे बसा हुआ है जहां पर लोग 50से60 साल से रह रहे है यह पर लगभग 20से25 हजार घर है और प्रात्येक घर में 5 से अधिक लोग रहते हैं इस समुदाय कि जनसंख्या लगभग 150लाख के करीब होगे जिसमे जिसमे अलग-2 राज्यो से आये हुए लोग भी सामिल है यह के लोगों को सरकार द्वारा वोटर अईडी ,राशन कार्ड ,अन्य दस्तावेज निर्मित है 


इस समुदाय कि सबसे बड़ी परेशानी  गन्दगी है  


राज्य हरियाणा जिला फरीदाबाद 




गन्दा नाला 

पुराने लोग कहते है यह नाला नहीं एक छोटी सी नदी थी जिसमे लोग मछलीया पकडते थे परंतु जैसे जैसे जनसख्यां बढती गई वैसे-2 यह नदी नाले के रूप में परिवर्तित हो गई आज इस नाले से विभिन्न प्राकार कि बीमारी उत्पनन हो रही है लोग मर रहे है इस नाले से गर्मियो में जहरीली गैस निकलती है जो लोगों को शारीरिक एवं मांसिक रूप से द्वयागं का काम करती है ओर अन्न बीमारिया उत्पनन होती है सासं कि बीमारी टीवी लकवा इन बीमारी के कारण यह के लोग अपनी जान से हाथ धो बैटते है  फिर भी सरकार किसी भी तरीके का कोई कर्यवाई नहीं कर रही है 


1)स्वाछ और स्वस्थ  वातावरण 

2)स्वस्थ समुदाय 

3)स्वस्थ भारत 








बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

हमारा पर्यावरण

पर्यावरण का अर्थ

 पर्यावरण शब्द परि + आवरण से मिलकर बना है परि का अर्थ है चारों ओर और आवरण का अर्थ है घिरा हुआ। अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है चारों ओर से घिरा हुआ । जैसे नदी ,पहाड़, तालाब, मैदान, पेड़-पौधे, जीव-जंतु वायु वन मिट्टी आदि सभी हमारे पर्यावरण के घटक है। हम सभी इन घटको का दैनिक जीवन में भरपूर उपयोग करते है अर्थात हम इन घटको पर ही निर्भर है।

प्रस्तावना

पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन का होना ज्ञात है व्यापक शब्दो में पर्यावरण में जीवन से प्रभावित वह प्रत्येक चीज जिसमे भौतिक और सजीव दोनों कारक सामिल है भौतिक और सजीव कारको के बीच क्रिया ओर परस्पर क्रिया से संबंधो का एक तंत्र बनता है जिसे तंत्रिकातत्रं कहते है 



पर्यावरण की अवधारणा

प्रत्येक जीवित जीव का एक विशिष्ट परिवेश अथवा माध्यम होता है जिसके साथ वह निरंतर परस्पर क्रिया करता है अपना भोजन प्राप्त करता है और जिसके प्राप्ती वह पुरा अनुकूलित रहता है हम सबसे पहले आरंभ करते है कि पर्यावरण क्या है पारि +आवरण से मिल कर पर्यावरण बनता है पारि का अर्थ होता है चारों ओर ओर आवरण का अर्थ होता है घिरा हुआ जिसे हम पर्यावरण कहते है पर्यावरण के अंतर्गत जल वायु थाल पादक जीव जँतु तथा अन्य जीव प्रकृति जीव में कोई भी जीव पर्यावरण में रहकर उसे प्रभावित करता है  ओर वो खुद भी प्रभावित होता है किसी जीव के जीवन पर पर्यावरण के प्रभाव का सबसे बड़ा गुण पर्यावरणीय तत्व कि परस्पर क्रिया है 

आइये उदाहरण के मध्याम से समझे

क्या आप ने एक तालाब में एक सर्प मछली के पर्यावरण को पहचान कर सकते है? उसके पर्यावरण में अजैविक घटक जैसे प्रकाश, तापमान और जल पर्यावरण जिसमे पोषक, आक्सीजन, अन्य गैसे तथा कारबनिक तत्व घुले रहते हैं 

पर्यावरण कि संरचना 

  1. स्थलमंडल
  2. जलमंडल
  3. वायुमंडल
  4. जैवमंडल

पर्यावरण के प्रकार 

1)प्राकृतिक पर्यावरण 

2)मानव संशोधित पर्यावरण 

3)मानव निर्मित पर्यावरण 


1)प्राकृतिक पर्यावरण

  प्राकृतिक पर्यावरण के अंतर्गत वह सभी वस्तु आती है जो प्राकृतिक के द्वारा प्रदान कि गाई हो जैसे कि  महासागर ,झील ,तालाब, वन, घास के मैदान, पशु पक्षी मनुष्य इतयदी 

2) मानव संशोधित पर्यावरण 

इसके अंतरगत वह सभी वस्तु  आती है जो प्राकृतिक ओर मानव दोनों का मिषण होता है जैसे बागवानो वृक्षारोपण आदि 

3)मानव निर्मित पर्यावरण 

प्राकृतिक को नुकसान पहुंचा कर मानव द्वरा बनाया गया वातावरण को जैसे उद्योग, शहर, आदि मनव निर्मित वातावरण कहते है 



जीवन के लिए पर्यावरण का महत्व 

हमारे जीवन में पर्यावरण  जीवन का एक अगं है इसमें वायु जिससे हम सास लेते हैं भोजन और जल जिन्हें हम ग्राहण करते हैं हम भूमि का उपयोग फसले उगाने के लिए करते हैं मृदा पादपो कि वृद्रि के लिए आवश्यक पोषक प्रदान करती है भूमि प्राकार किसी क्षेत्र में पाए जाने वाले मृदा प्रकारो का निर्धारण करता है और स्वयं मृदा एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न होते हैं कुछ मृदाएं पोषको से समृद्ध होती है  जलवयु तथा अल्पकालिक मौसम परिवर्तन कि पहचान मुख्य रूप से पवन तापमान दाब और वर्षा से होती है और इसका निर्धारण वायु मडल के गुणों से होता है इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते हैं वायु मनणल कि वायु सजीवो को अक्सीजन प्रदान करती है जिसके बगैर अधिकांश जीवो का जीवन खतरे में पड जाएगा 

मानव पर्यावरण संबंध 

यदि हम मानव सभयता को देखे तो दो भिन्न स्थित दिखाई देती है पहली स्थित यह है कि मनुष्य ने विद्यमान पर्यावरण स्रितिया के साथ सामंजस्य के अनुकूल कर लिया जैसे जैसे मनव सभयता का विकास हुआ और आम जन ने प्रकृति को वश में करने के लिए ग्यान और कुशलता को विकसित कर लिया है 

वन अपरूपण कारण  और परिणाम 

वन अपरोपण का आशय स्थानीय वनो से सफाया करना अथवा उन्हें नष्ट करने से है ये आकलन किया गया है की वर्तमान में स्थानीय वनाच्छादन पृथ्वी की भूसतह का लगभग २१ % भाग बनता है वोर्ल्ड रिसोर्स इंस्टुटें  (विश्व संसाधान संस्थान )के  अनुसार वन अपरूपण की भूमि उपयोग  समस्याए में से गंभीर समस्या में से एक  माना जाता है दूसरा प्रमुख सरोकार वन आपरो[पण का लगभग अधिकांश भाग आद्री वनो और उष्ण कटबंधी जंगलो होता है यह पूर्व अनुमान लगाया गया है की यदि इसी दर से वन अपरोपण होता रहा तो वर्ष २०५० तक अमेजन और जायरे बेसिन  संरक्षित वनो और अभ्यारणों के संरक्षण क्षेत्रों के अतरिक्त सभी आदर्य उष्ण कटिबंधी अध्र्य वन लुप्त हो सकते है  भारत में कुल भौगोलिक छेत्रीय 

         

दूषित हमारा वातावरण हो रहा है 

लोगो का भ्रष्टा आचरण हो रहा है 

 कोयल कि गीत कौआ सिखाते 

हँस में दोष बकुले लगाते

दूषित हमारा वातावरण हो रहा है 












Exit poll • Lok Sabha • Opinion poll • Indian National Congress •

मेरठ में मुख्य दलों के प्रत्येक प्रत्याशी    मेरठ में मुख्य दलों के प्रत्येक प्रत्याशी अपनी बहुमत जीत का दवा कलर रहे है और ये तीनो मुख्य प्र...